Bharat NCAP: कार सुरक्षा रेटिंग, मानक और आपके लिए महत्व

Bharat NCAP

भारत में सड़क सुरक्षा हमेशा से एक बड़ी चुनौती रही है। हर साल लाखों सड़क हादसों में हजारों लोग अपनी जान गंवाते हैं। हालांकि सरकारें और संगठन सड़क सुरक्षा बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन वाहनों की आंतरिक सुरक्षा का महत्व भी उतना ही है। पहले, कार खरीदते समय लोग मुख्य रूप से कीमत, माइलेज और फीचर्स देखते थे। लेकिन अब यह सोच बदल रही है। ग्राहक अब अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा को भी प्राथमिकता दे रहे हैं।

इस बदलाव में एक महत्वपूर्ण कदम है भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया Bharat NCAP (भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम)। यह प्रोग्राम भारतीय सड़कों के लिए बेची जाने वाली कारों की सुरक्षा का आकलन करता है और उन्हें रेटिंग देता है। Bharat NCAP के आने से वाहन सुरक्षा मानक नए स्तर पर पहुँच गए हैं। आइए जानते हैं कि Bharat NCAP क्या है, यह कैसे काम करता है, कौन से सुरक्षा फीचर्स महत्वपूर्ण हैं और यह सब एक कार खरीदार के तौर पर आपके लिए क्या मायने रखता है।

भारत में वाहन सुरक्षा का बदलता परिदृश्य

कुछ साल पहले तक, भारतीय कारों में सुरक्षा फीचर्स की कमी होती थी, खासकर एंट्री-लेवल सेगमेंट में। अनिवार्य सुरक्षा नियमों की कमी और कम कीमत की प्राथमिकता इसके मुख्य कारण थे। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने कई सुरक्षा फीचर्स को अनिवार्य बनाया है, जैसे:

  • सभी नई कारों में ड्राइवर साइड एयरबैग (अब न्यूनतम 2 एयरबैग अनिवार्य हैं)।
  • एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS)।
  • सीटबेल्ट रिमाइंडर, स्पीड अलर्ट सिस्टम, रियर पार्किंग सेंसर।

ये नियम एक अच्छी शुरुआत थे, लेकिन यह जानना अभी भी मुश्किल था कि कोई कार टक्कर की स्थिति में कितनी सुरक्षित है। यहीं पर Bharat NCAP की भूमिका आती है।

Bharat NCAP क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है?

Bharat NCAP: क्रैश टेस्ट

NCAP का मतलब है New Car Assessment Program (नई कार मूल्यांकन कार्यक्रम)। यह एक स्वैच्छिक (voluntary) प्रोग्राम है जिसमें कार निर्माता अपनी कारों को स्वतंत्र क्रैश टेस्ट के लिए भेजते हैं। Bharat NCAP विशेष रूप से भारतीय परिस्थितियों और नियमों के अनुसार डिज़ाइन किया गया है।

  • यह कैसे काम करता है: Bharat NCAP कारों का विभिन्न प्रकार के क्रैश टेस्ट करता है, जैसे फ्रंटल इम्पैक्ट (सामने से टक्कर) और साइड इम्पैक्ट (बगल से टक्कर)। इन टेस्ट्स में कार के अंदर रखी डमी (dummy) पर लगने वाली चोटों और कार के स्ट्रक्चर की मजबूती का आकलन किया जाता है। इन आकलन के आधार पर, कार को स्टार रेटिंग दी जाती है, जो 0 स्टार से लेकर 5 स्टार तक होती है। जितने ज़्यादा स्टार, उतनी ज़्यादा सुरक्षा।
  • यह क्यों महत्वपूर्ण है:
    • उपभोक्ता सशक्तिकरण: यह ग्राहकों को एक विश्वसनीय, स्वतंत्र रेटिंग प्रदान करता है जिससे वे विभिन्न मॉडलों की सुरक्षा की तुलना कर सकें और सूचित निर्णय ले सकें।
    • निर्माताओं के लिए प्रेरणा: यह कार निर्माताओं को सुरक्षा पर अधिक ध्यान देने और सुरक्षित वाहन बनाने के लिए प्रेरित करता है ताकि वे टेस्ट में अच्छी रेटिंग प्राप्त कर सकें और बाजार में प्रतिस्पर्धा कर सकें।
    • सड़क सुरक्षा में सुधार: अंततः, सड़कों पर अधिक सुरक्षित कारों का मतलब है सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर चोटों और मौतों का कम होना।

Bharat NCAP को ग्लोबल NCAP जैसे अंतरराष्ट्रीय क्रैश टेस्ट एजेंसियों के मानकों के अनुरूप बनाया गया है, लेकिन यह भारतीय विशिष्टताओं को ध्यान में रखता है।

सुरक्षित कारें: किन फीचर्स पर ध्यान दें?

एक सुरक्षित कार सिर्फ NCAP रेटिंग से ज़्यादा होती है। इसमें कई एक्टिव (दुर्घटना को रोकने में मदद करने वाले) और पैसिव (दुर्घटना के दौरान चोट कम करने वाले) सुरक्षा फीचर्स होते हैं:

  • अनिवार्य और महत्वपूर्ण फीचर्स:
    • एयरबैग्स (Airbags): टक्कर होने पर ये तुरंत खुलकर यात्री और वाहन के कठोर हिस्सों के बीच कुशन बनाते हैं। कम से कम 2 एयरबैग (ड्राइवर और सामने वाले यात्री के लिए) अनिवार्य हैं, लेकिन 4 या 6 एयरबैग (सामने और पीछे बैठे यात्रियों के सिर की सुरक्षा के लिए साइड और कर्टन एयरबैग) वाली कारें बेहतर सुरक्षा देती हैं। (नोट: एयरबैग तभी काम करते हैं जब आपने सीटबेल्ट पहना हो)।
    • एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS): अचानक ब्रेक लगाने पर पहियों को लॉक होने से रोकता है, जिससे आप गाड़ी पर नियंत्रण बनाए रख सकते हैं और उसे स्किड होने से बचा सकते हैं।
    • इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल (ESC): गाड़ी को फिसलने या अनियंत्रित होने से बचाने में मदद करता है, खासकर मोड़ पर या अचानक दिशा बदलने पर। यह एक बहुत महत्वपूर्ण फीचर है।
    • ISOFIX चाइल्ड सीट एंकर: बच्चों की सीटों को सुरक्षित रूप से लगाने के लिए ये एंकर पॉइंट आवश्यक हैं, जिससे बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
    • सीटबेल्ट रिमाइंडर: यह सुनिश्चित करता है कि सभी यात्रियों ने सीटबेल्ट पहना है।
  • उन्नत सुरक्षा फीचर्स (ADAS – Advanced Driver Assistance Systems): ये सिस्टम दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करते हैं:
    • एडाप्टिव क्रूज कंट्रोल (Adaptive Cruise Control): आपकी कार की गति को सामने वाली कार के अनुसार स्वचालित रूप से समायोजित करता है।
    • लेन कीपिंग असिस्ट (Lane Keeping Assist): यदि आपकी कार लेन से बाहर जा रही है तो आपको चेतावनी देता है या स्टीयरिंग में हल्का सुधार करता है।
    • ऑटोमैटिक इमरजेंसी ब्रेकिंग (Automatic Emergency Braking): सामने बाधा आने पर खुद ही ब्रेक लगा देता है यदि ड्राइवर प्रतिक्रिया नहीं करता है। (ये फीचर्स आमतौर पर महंगी कारों में मिलते हैं, लेकिन धीरे-धीरे आम हो रहे हैं)।
  • बॉडी शेल इंटीग्रिटी: क्रैश टेस्ट में यह देखा जाता है कि टक्कर के दौरान कार का ढांचा कितना स्थिर रहता है और यात्रियों के बैठने की जगह को कितना सुरक्षित रखता है। एक मजबूत बॉडी शेल चोटों से बचाव के लिए मौलिक है।

निर्माताओं और उपभोक्ता के लिए क्या बदल रहा है?

Bharat NCAP: भारतीय सड़कों पर बेहतर सुरक्षा

Bharat NCAP ने भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग में प्रतिस्पर्धा का एक नया आयाम जोड़ दिया है: सुरक्षा रेटिंग।

  • निर्माताओं पर प्रभाव: कंपनियां अब सक्रिय रूप से अपनी कारों को क्रैश टेस्ट के लिए भेज रही हैं और टेस्ट में अच्छी रेटिंग प्राप्त करने की कोशिश कर रही हैं। वे अपनी कारों में अधिक सुरक्षा फीचर्स शामिल कर रही हैं और अपनी मार्केटिंग में सुरक्षा रेटिंग को प्रमुखता से दिखा रही हैं।
    • उदाहरण: Tata Motors और Mahindra & Mahindra जैसी भारतीय कंपनियों ने Bharat NCAP और Global NCAP टेस्ट में अपनी कई कारों के लिए 5-स्टार रेटिंग हासिल की है, जिससे उनकी बिक्री और ब्रांड छवि को फायदा हुआ है।
  • उपभोक्ता के लिए बदलाव: अब आपके पास कार खरीदने से पहले सुरक्षा के बारे में जानकारी प्राप्त करने का एक विश्वसनीय तरीका है। आप रेटिंग की तुलना कर सकते हैं, विभिन्न मॉडलों में उपलब्ध सुरक्षा फीचर्स देख सकते हैं, और अपनी सुरक्षा ज़रूरतों के हिसाब से सूचित निर्णय ले सकते हैं। ग्राहक अब सुरक्षा के लिए थोड़ा अतिरिक्त भुगतान करने को भी तैयार हैं।

चुनौतियाँ और भविष्य

हालाँकि प्रगति हुई है, कुछ चुनौतियाँ अभी भी हैं:

  • सभी वाहनों के लिए सुरक्षा: कारों के अलावा, दोपहिया और कमर्शियल वाहनों की सुरक्षा में सुधार अभी भी एक बड़ी चुनौती है। सरकार अब ट्रकों और ई-रिक्शा के लिए भी सुरक्षा रेटिंग सिस्टम लाने पर विचार कर रही है।
  • लागत: उन्नत सुरक्षा तकनीकें कारों की कीमत बढ़ा सकती हैं, जिससे वे कुछ खरीदारों की पहुँच से बाहर हो सकती हैं।
  • जागरूकता का प्रसार: Bharat NCAP और सुरक्षा फीचर्स के महत्व के बारे में छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाना अभी भी आवश्यक है।

निष्कर्ष

भारतीय सड़कों पर सुरक्षा बढ़ाना एक सामूहिक प्रयास है, और वाहनों की सुरक्षा में सुधार इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। Bharat NCAP इस दिशा में एक स्वागत योग्य और प्रभावी कदम है, जो पारदर्शिता ला रहा है और निर्माताओं को सुरक्षित वाहन बनाने के लिए प्रेरित कर रहा है।

एक कार खरीदार के तौर पर, आपके पास अब पहले से कहीं अधिक जानकारी है। केवल कीमत और फीचर्स पर ध्यान देने के बजाय, कार की सुरक्षा रेटिंग और उपलब्ध सुरक्षा फीचर्स की जांच करना अनिवार्य है। एक सुरक्षित वाहन चुनना केवल आपके लिए नहीं, बल्कि सड़क पर मौजूद अन्य लोगों के लिए भी सुरक्षा सुनिश्चित करता है। जैसे-जैसे तकनीक आगे बढ़ेगी और नियम सख्त होंगे, हम उम्मीद कर सकते हैं कि भारतीय सड़कें भविष्य में और अधिक सुरक्षित होंगी।

NOTE: किसी विशेष कार मॉडल की नवीनतम Bharat NCAP रेटिंग, उसमें उपलब्ध सुरक्षा फीचर्स की सटीक सूची और किसी भी सुरक्षा नियम के लागू होने की अंतिम तारीखें बदल सकती हैं। प्रकाशित करने से पहले कृपया Bharat NCAP की आधिकारिक वेबसाइट, वाहन निर्माता की वेबसाइट और सरकारी परिवहन मंत्रालय के नवीनतम नोटिफिकेशन से इन विशिष्ट विवरणों को सत्यापित करें।

Bharat NCAP – कुछ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

Q1: Bharat NCAP क्या है?

उत्तर:
Bharat NCAP (Bharat New Car Assessment Programme) भारत सरकार की एक पहल है जिसका उद्देश्य कारों की सुरक्षा रेटिंग तय करना है। यह कार्यक्रम कारों का क्रैश टेस्ट करता है और उन्हें सुरक्षा के आधार पर 1 से 5 स्टार तक की रेटिंग देता है।

Q2: Bharat NCAP की शुरुआत कब हुई?

उत्तर:
Bharat NCAP को आधिकारिक तौर पर 1 अक्टूबर 2023 से लागू किया गया है। इसे सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने शुरू किया।

Q3: क्रैश टेस्ट कैसे किए जाते हैं?

उत्तर:
क्रैश टेस्ट में कार को विभिन्न स्थितियों में टकराया जाता है, जैसे:

  • Frontal Impact Test (सामने से टक्कर)
  • Side Impact Test (साइड से टक्कर)
  • Pedestrian Safety Test (पैदल चलने वालों की सुरक्षा)
    इन सभी परीक्षणों के बाद कार को सुरक्षा के आधार पर स्टार रेटिंग दी जाती है।

Q4: क्या Bharat NCAP रेटिंग लेना कार निर्माताओं के लिए अनिवार्य है?

उत्तर:
नहीं, यह स्वैच्छिक (voluntary) है, लेकिन कई बड़े निर्माता अपने वाहनों को परीक्षण के लिए भेजते हैं ताकि उपभोक्ताओं को भरोसा दिलाया जा सके।

Q5: भारत में कौन-सी कारों को अब तक 5-स्टार रेटिंग मिली है?

उत्तर: ऐसी कई कारें है जिन्हे 5-स्टार रेटिंग मिली है। उनमे से कुछ प्रमुख 5-स्टार रेटेड भारतीय कारों में शामिल हैं:

  • Tata Nexon
  • Mahindra XUV300
  • Tata Punch
  • Volkswagen Virtus
    (यह सूची समय-समय पर अपडेट होती रहती है।)

Q6: Global NCAP और Bharat NCAP में क्या अंतर है?

उत्तर:

Global NCAPBharat NCAP
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लागू होता हैकेवल भारत के लिए बनाया गया है
विदेशी मानकों के अनुसार परीक्षण करता हैभारतीय सड़कों और जरूरतों के अनुसार
उच्च लागत होती हैतुलनात्मक रूप से कम लागत पर परीक्षण होता है

Q7: क्या सुरक्षा रेटिंग का असर बीमा या टैक्स पर पड़ता है?

उत्तर:
अभी तक बीमा या टैक्स पर सीधा असर नहीं देखा गया है, लेकिन भविष्य में अधिक सुरक्षित कारों के लिए बीमा में छूट मिल सकती है।

Q8: Bharat NCAP भारत की सड़क सुरक्षा को कैसे बेहतर बनाएगा?

उत्तर:

  • कार निर्माताओं को बेहतर तकनीक और फीचर्स अपनाने के लिए प्रेरित करेगा।
  • लोगों में सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ेगी।
  • सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु दर में कमी आ सकती है।

Q9: Bharat NCAP का उद्देश्य क्या है?

उत्तर:
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है:

  • भारत में बिकने वाली कारों की सुरक्षा में सुधार करना
  • उपभोक्ताओं को बेहतर सुरक्षा विकल्पों के बारे में जानकारी देना
  • वैश्विक स्तर पर भारतीय कारों की मान्यता बढ़ाना

Q10: क्या Bharat NCAP में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की भी जांच होती है?

उत्तर:
जी हां, Bharat NCAP सभी प्रकार की कारों — चाहे वो पेट्रोल, डीज़ल या इलेक्ट्रिक हों — पर लागू होता है। EVs को भी समान क्रैश टेस्ट प्रक्रिया से गुज़रना.

Q11: Bharat NCAP रेटिंग देखने का तरीका क्या है?

उत्तर:
आप Bharat NCAP की आधिकारिक वेबसाइट या MoRTH (Ministry of Road Transport and Highways) के पोर्टल पर जाकर परीक्षण की गई कारों की रेटिंग देख सकते हैं।
इसके अलावा कुछ कार ब्रांड अपनी रेटिंग को वेबसाइट और विज्ञापनों में भी दिखाते हैं।

Q12: Bharat NCAP के तहत कौन से सुरक्षा फीचर्स अनिवार्य हैं?

उत्तर:
कुछ मुख्य न्यूनतम सेफ्टी फीचर्स जो अब जरूरी माने जाते हैं:

  • ड्राइवर और को-ड्राइवर एयरबैग
  • सीटबेल्ट रिमाइंडर
  • ABS (Anti-lock Braking System)
  • रिवर्स पार्किंग सेंसर्स
  • स्पीड अलर्ट सिस्टम

Q13: क्या Bharat NCAP भारत सरकार की कानूनी संस्था है?

उत्तर:
Bharat NCAP को भारत सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय (MoRTH) द्वारा मंजूरी और संचालन प्रदान किया गया है, और यह Central Institute of Road Transport (CIRT) के सहयोग से क्रियान्वित किया जाता है।

Q14: Bharat NCAP और AIS 198 मानक में क्या अंतर है?

उत्तर:

  • AIS 198 भारत का कानूनी सुरक्षा मानक है जो सभी कार निर्माताओं को न्यूनतम सेफ्टी फीचर्स देने के लिए बाध्य करता है।
  • Bharat NCAP एक वैकल्पिक रेटिंग सिस्टम है जो कारों की सुरक्षा के स्तर को स्वतंत्र रूप से आंकता है।

Q15: क्या Bharat NCAP सिर्फ पैसेंजर कारों पर लागू होता है?

उत्तर:
हाँ, फिलहाल Bharat NCAP केवल M1 कैटेगरी (पैसेंजर व्हीकल्स) पर लागू होता है जिसमें 8 यात्रियों तक की क्षमता वाली कारें शामिल हैं। कमर्शियल या हैवी व्हीकल्स को यह स्कीम कवर नहीं करती।

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