क्यों है 1 April Fools Day ?

हर साल 1 अप्रैल को दुनिया भर में लोग हंसी-मज़ाक और प्रैंक के साथ april fools day मनाते हैं। इस दिन लोग एक-दूसरे को मूर्ख बनाने के लिए मजाकिया जानकारी फैलाते हैं। नकली खबरें साझा करते हैं, और हल्के-फुल्के शरारतें करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि यह परंपरा कहां से शुरू हुई? और इसके पीछे क्या इतिहास है? april fools day का इतिहास बहुत पुराना है। इसके पीछे कई कहानियाँ हैं, जो इस दिन को मनाने के पीछे के कारणों को समझने में मदद करती हैं।

APRIL FOOLS DAY IMAGE

फ्रांस और ग्रेगोरियन कैलेंडर: सबसे प्रसिद्ध मान्यता

April Fools Day की शुरुआत का सबसे प्रसिद्ध सिद्धांत 16वीं सदी के फ्रांस से जुड़ा है। 1582 में, पोप ग्रेगोरी XIII ने ग्रेगोरियन कैलेंडर की शुरुआत की, जिसके तहत नववर्ष की तारीख को 1 जनवरी रखा गया। इससे पहले, यूरोप में जूलियन कैलेंडर था। नववर्ष 1 अप्रैल के आसपास मनाया जाता था। जब फ्रांस ने ग्रेगोरियन कैलेंडर अपनाया, तो कुछ लोग इस बदलाव से अनजान रहे और वे पुराने कैलेंडर के अनुसार 1 अप्रैल को ही नववर्ष मनाते रहे।

इन लोगों का “एप्रिल फूल” कहकर उनका मज़ाक उड़ाया गया। उन्हें नकली निमंत्रण भेजे जाते थे या बेवकूफ बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रैंक किए जाते थे। यह परंपरा धीरे-धीरे पूरे यूरोप में फैल गई और आज भी कायम है। इतिहासकार इसे सबसे विश्वसनीय सिद्धांत मानते हैं क्योंकि यह ऐतिहासिक घटनाओं से मेल खाता है।

रोमन हिलारिया उत्सव: प्राचीन मस्ती की गूंज

कुछ विद्वानों का मानना है कि एप्रिल फूल्स डे की परंपरा प्राचीन रोम के “हिलारिया” उत्सव से जुड़ी है। हिलारिया उत्सव मार्च के अंत में (25 मार्च या उसके आसपास) मनाया जाता था और यह हंसी-खुशी का समय था। इस दिन लोग मजाक करते थे, मास्क पहनते थे, और सामाजिक नियमों को थोड़ा उलट देते थे। यह उत्सव माता देवी साइबेले और उनके पुत्र एटिस के सम्मान में मनाया जाता था। कुछ इतिहासकार मानते हैं कि यह परंपरा बाद में एप्रिल फूल्स डे का हिस्सा बन गई। हालांकि इसके ठोस प्रमाण कम हैं, लेकिन यह सिद्धांत प्राचीन मज़ाक और हंसी के विचार को जोड़ता है और एप्रिल फूल्स डे की उत्पत्ति में एक दिलचस्प कड़ी बनता है।

मध्यकालीन यूरोप और फेस्टस फटूरोम

मध्यकालीन यूरोप में “फेस्टस फटूरोम” (Feast of Fools) नाम का एक उत्सव होता था। इस उत्सव में लोग मज़ेदार नाटक करते थे और एक-दूसरे से शरारतें करते थे। कभी-कभी नौकर, मालिक बन जाते थे और समाज के नियमों को तोड़ा जाता था। यह परंपरा आमतौर पर दिसंबर या जनवरी में होती थी, लेकिन कुछ स्थानों पर इसे वसंत के करीब भी मनाया जाता था।

कुछ इतिहासकार मानते हैं कि यह परंपरा समय के साथ 1 अप्रैल तक फैल गई और एप्रिल फूल्स डे का हिस्सा बनी। हालांकि इस सिद्धांत के प्रमाण उतने मजबूत नहीं हैं, लेकिन यह मज़ाक और हंसी की परंपरा से जुड़ा एक और महत्वपूर्ण दृष्टिकोण है।

नीदरलैंड्स और स्पेनिश हार की कहानी (1572)

एक कम चर्चित लेकिन दिलचस्प सिद्धांत नीदरलैंड्स से जुड़ा है। 1572 में डच विद्रोहियों ने स्पेनिश सेना के खिलाफ बड़ी जीत हासिल की थी, जो 1 अप्रैल को हुई थी। डच लोगों ने स्पेनिश गवर्नर ड्यूक ऑफ अल्वा को मूर्ख बना दिया और ब्रिएल (Brielle) शहर पर कब्जा कर लिया।

कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इस घटना को “मूर्ख बनाना” के रूप में याद किया गया और बाद में यह परंपरा एप्रिल फूल्स डे से जुड़ गई। डच भाषा में इसे “Alva verloor zijn bril” (अल्वा ने अपना चश्मा खो दिया) कहा जाता था, जिसमें “bril” का मतलब Brielle शहर से भी था। हालांकि यह सिद्धांत ऐतिहासिक रूप से बहुत सीमित है और एक क्षेत्रीय घटना से जुड़े होने के कारण पूरी एप्रिल फूल परंपरा को सही तरीके से नहीं जोड़ता, फिर भी यह एक रोचक ऐतिहासिक कड़ी है।

स्कॉटलैंड की “गौक हंटिंग” परंपरा

स्कॉटलैंड में एप्रिल फूल्स डे को दो दिनों तक मनाने की एक पुरानी परंपरा थी। पहला दिन 1 अप्रैल को “Hunt the Gowk” (गौक को शिकार करना) कहा जाता था, जहां “gowk” का मतलब होता था कोयल पक्षी या मूर्ख। लोग एक-दूसरे को बेकार के काम पर भेजते थे, जैसे नकली संदेश देना। दूसरा दिन, 2 अप्रैल को “Tailie Day” कहलाता था, जिसमें लोगों की पीठ पर नकली पूंछ लगाकर मज़ाक किया जाता था।

यह परंपरा मध्यकालीन यूरोप की मज़ाक-मस्ती वाली परंपराओं से जुड़ी हो सकती है। हालांकि इस सिद्धांत से एप्रिल फूल्स डे की शुरुआत नहीं जुड़ी है, लेकिन यह दिखाता है कि विभिन्न स्थानों पर इस दिन को अपने तरीके से मनाया गया।

निष्कर्ष

एप्रिल फूल्स डे की शुरुआत कब हुई ये तो बताना कठिन है, क्योंकि इसके पीछे कई कहानियाँ हैं। सबसे विश्वसनीय सिद्धांत फ्रांस के ग्रेगोरियन कैलेंडर से जुड़ा हुआ है, लेकिन अन्य सिद्धांतों जैसे रोमन हिलारिया, मध्यकालीन यूरोप के फेस्टस फटूरोम, और नीदरलैंड्स की जीत भी इसे मजेदार और रोचक बनाते हैं। हालांकि इन सिद्धांतों के प्रमाण उतने मजबूत नहीं हैं, फिर भी ये दिखाते हैं कि अलग-अलग संस्कृतियों और समय में मज़ाक करने की परंपराएँ थीं, जो शायद 1 अप्रैल को एक साथ आईं। आज, एप्रिल फूल्स डे एक वैश्विक परंपरा बन चुकी है, जो शरारतों और हंसी-मज़ाक के साथ मनाई जाती है। तो अगली बार जब आप 1 अप्रैल को किसी को मूर्ख बनाएँ, याद रखें—आप सैकड़ों साल पुरानी कहानियों और परंपराओं का हिस्सा बन रहे हैं!

तीन दमदार स्मार्टफोन: Samsung Galaxy S25, Galaxy A56 और Galaxy A26 5G

https://www.quora.com/profile/Anjali-7056

Leave a comment

LinkedIn
LinkedIn
Share
Instagram
VK
VK
VK